मित्रो आज हम अपने इस नए सेगमेंट में कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में जानने की कोशिश करेंगे की ऑपरेटिंग सिस्टम क्या होता है और इसका हमारे कंप्यूटर सिस्टम को क्या भूमिका होती है -
जैसा की हम सबको मालूम है की हम इंसानो के अंदर एक आत्मा होती है जो हमारे शरीर के हर एक अंग को कार्य करने के लिए प्रेरित करती है ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम भी कंप्यूटर की आत्मा की तरह कार्य करता है तो आइये जानते है।...……..
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System):
ऑपरेटिंग सिस्टम, कंप्यूटर सिस्टम का एक सिस्टम सॉफ्टवेयर होता है। इसके बिना आप कंप्यूटर सिस्टम चलाने बारे में अधिक कल्पना नहीं कर सकते है। यह कंप्यूटर सिस्टम की आत्मा की तरह होती है जो यूजर और हार्डवेयर के बीच में एक इंटरफ़ेस (माध्यम) बनाता है यह कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर रिसोर्सेज का प्रबंधन करता है तथा कंप्यूटर प्रोग्राम के एक्सेक्यूशन को कण्ट्रोल करता है।
ऑपरेटिंग सिस्टम के सामान्य फंक्शन (Basic Function of Operating System)
एक ऑपरेटिंग सिस्टम कुछ बेसिक फंक्शन पर कार्य करता है जो की निम्न है -
- फ़ाइल मैनेजमेंट (File Management)
- प्रोसेस मैनेजमेंट (Process Management)
- मेमोरी मैनेजमेंट (Memory Management)
- डिवाइस मैनेजमेंट (Device Management)
- सिक्योरिटी मैनेजमेंट (Security Management)
- इनपुट/आउटपुट मैनेजमेंट (Input/output Management)
- एरर डिटेक्टिंग मैनेजमेंट (Error Detecting Management)
फ़ाइल मैनेजमेंट (File Management):
ऑपरेटिंग सिस्टम, कंप्यूटर सिस्टम की फ़ाइलों को मेमोरी में व्यवस्थित ढंग से स्टोर करता है साथ ही स्टोर की गई सारी फ़ाइलों का ट्रैक रखता है की कौन सी फाइल किस स्थान पर हैऔर किस स्थिति में है।
प्रोसेस मैनेजमेंट (Process Management):
ऑपरेटिंग सिस्टम, डाटा के प्रोसेसिंग को मैनेज और कण्ट्रोल करता है, साथ ही डाटा के प्रोसेसिंग पर शेड्यूलिंग करता है और जानकारियों को आदान प्रदान करने योग्य बनाता है।
मेमोरी मैनेजमेंट (Memory Management):
ऑपरेटिंग सिस्टम, मेमोरी में डाटा को कितनी जगह देनी है और कितने समय तक डाटा स्टोर करके रखना यह सभी कार्य ऑपरेटिंग सिस्टम के मेमोरी मैनेजमेंट के द्वारा किया जाता है।
डिवाइस मैनेजमेंट (Device Management):
यह ऑपरेटिंग सिस्टम, कंप्यूटर सिस्टम से जुड़े सभी उपकरणों (Devices) की जाँच करता है की सिस्टम के सभी डिवाइस कंप्यूटर सिस्टम से पूरी तरह से जुड़े है या नहीं। अगर कोई डिवाइस कंप्यूटर सिस्टम से पूरी तरह से जुड़े न हो तो उसके लिए सूचना जारी करता है और यह तय करता है कि कौन सी प्रक्रिया डिवाइस को कब और कितने समय के लिए मिलती है।
सिक्योरिटी मैनेजमेंट (Security Management):
ऑपरेटिंग सिस्टम, सिक्योरिटी मैनेजमेंट के द्वारा कंप्यूटर सिस्टम से आंतरिक और बाहरी दोनों प्रकार से जुड़े (Connected) सभी डिवाइसों को सिक्योरिटी प्रदान करता है।
इनपुट/आउटपुट मैनेजमेंट (Input / Output Management):
ऑपरेटिंग सिस्टम, इनपुट/आउटपुट मैनेजमेंट के माध्यम से इनपुट और आउटपुट डिवाइसों को मैनेज और कण्ट्रोल करने का काम करता है ताकि जो डाटा इनपुट डिवाइस के द्वारा इनपुट हो रहा है वह सही से इनपुट हो और सही रूप से उस डाटा का आउटपुट प्राप्त हो।
एरर डिटेक्टिंग मैनेजमेंट (Error Detecting Management):
ऑपरेटिंग सिस्टम, कंप्यूटर सिस्टम में एरर (त्रुटि) की लगातार निगरानी करने का काम करते रहते है ताकि सिस्टम को ख़राब होने से बचाया जा सके।
ऑपरेटिंग सिस्टम का वर्क डायग्राम
(Work Diagram of Operating System)
(Operating System Based on User Interface)
- ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस (Graphical User Interface)
- कमांड यूजर इंटरफ़ेस / कमांड लाइन यूजर इंटरफ़ेस (Command Line User Interface)
१) ग्राफ़िकल यूजर इंटरफ़ेस (Graphical User Interface):
२) कमांड यूजर इंटरफ़ेस (Graphical User Interface):
ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार
(Type of Operating System )
- रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम (Real Time Operating System)
- बैच ऑपरेटिंग सिस्टम (Batch Operating System)
- डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम (Distributed Operating System)
- नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम (Network Operating System)
- टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Time Sharing Operating System)
१) रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम (Real Time Operating System):
वे ऑपरेटिंग सिस्टम जिनका उपयोग वास्तविक समय के कार्यो को करने के लिए किया जाता है रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम कहा जाता है। कुछ रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम निम्न है-
Adeos, ART-Linux, ChorusOS, eCos, ELinOS, FreeRTOS, iRmx, linux-rt, LynxOS, MicroC/OS II, Nucleus, OS-9, OSE, OSEK/VDX, pSOS, PikeOS, QNX, RedHawk, RSX-11, RT-11, RT-LAB, RTAI, RTEMS, RTLinux ou Real Time Linux, RTOS-UH, RTX, SCIOPTA, Symbian OS, आदि।
२) बैच ऑपरेटिंग सिस्टम (Batch Operating System):
यह ऑपरेटिंग सिस्टम किसी भी डाटा पर बैच बना कर प्रोसेसिंग करता है अर्थात यह एक इवेंट ड्रिवेन (Event Driven) ऑपरेटिंग सिस्टम है जो किसी निश्चित समय में किसी भी इवेंट को पूरा करने के लिए जिम्मेदार होते है यदि कोई इवेंट अपने निश्चित समय पर पूरा नहीं हो पता है तो यह ऑपरेटिंग सिस्टम उस इवेंट को छोड़ कर दूसरे इवेंट के कार्य को पूरा करने में लग जाता है।
३) डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम (Distributed Operating System):
यह वे ऑपरेटिंग सिस्टम होते है जो एक सिस्टम पर होते हुए भी एक से अधिक कंप्यूटर सिस्टमों को एक साथ मैनेज और कण्ट्रोल करते हुए अपना काम करते है उसे डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम कहते है।
४) नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम (Network Operating System):
यह वे ऑपरेटिंग सिस्टम्स होते है एक नेटवर्क के लिए खाश कर डिज़ाइन किया गया है, यह ऑपरेटिंग सिस्टम एक स्वतंत्र कंप्यूटर सिस्टम को अनेक स्वतंत्र कंप्यूटर सिस्टम से जोड़ने का काम करता है जिनका उपयोग मुख्यतः सुरक्षा के उद्देश्य के लिए किया जाता है।
५) टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Time Sharing Operating System):
यह वे ऑपरेटिंग सिस्टम
होते है जो उपयोगकर्ता
को कंप्यूटर सिस्टम के रिसोर्सेस को
शेयर कराने और उन रिसोर्सेस
को उपयोग कराने के लिए ज़िम्मेदार
होते है। अर्थात जब
एक कंप्यूटर सी.पी.यू.(C.P.U)
से अनेक कंप्यूटर सिस्टम
जुड़ करके अपने अपने
डाटा पर कार्य या
किसी डाटा की मांग
करते है तो उस
स्थिति में मुख्य कंप्यूटर
C.P.U बारी बारी से सभी
जुड़े सभी कंप्यूटर सिस्टमों
की मांग को पूरी
करते है।
कुछ प्रमुख प्रसिद्ध ऑपरेटिंग सिस्टम :
- Windows OS
- Linux OS
- Mac OS
- Android OS
- Chrome OS
- Kai OS
Conclusion:
हम सभी ने इस लेख में कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम (Computer Operating system) के बारे में जाना की ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है ?,यह किस किस प्रकार का काम करता है ?और कितने प्रकार का ऑपरेटिंग सिस्टम होता है । अगर आपको हमारी यह लेख पसंद आयी हो, तो आप कृपया इस लेख को अपने सोशल मीडिया (Social Media) पर जरुर साझा (Share) कीजिये। इसके अलावा अगर आपके पास में इस लेख (Article) को लेकर कोई भी सुझाव या doubts है, तो हमे नीचे Comments करके जरुर बताए।
2 टिप्पणियाँ
Great sir ....
जवाब देंहटाएंUseful knowledge for beginners.
सर आप महान है । यह जानकारी बहुत ही उपयोगी है जिन्हे संबंधित विषय का ज्ञान नहीं है उनके लिए ।
जवाब देंहटाएंअपने समस्याओं अथवा सुझावों को यहाँ कमेंट के रूप मे हमें बताएं।
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